The Occasional Shayar
I sometime when in mood do write some shayari and poems.
मैं जानता हूँ मैं कौन हूँ।
अगर मुस्कुरा कर बात करता हूँ तुमसे
तो शायद …तुम जानते नहीं मैं कौन हूँ।
बड़ी बारीक़ नजर रखता हूँ मैं ज़माने की
सिर्फ दिखाने को चस्मा पहनता हूँ।
ज़िंदगी लिख रहा हूँ मैं अपनी
अभी तो आपने सिर्फ आगाज़ देखा है …
अंत अभी बांकी है।